सावन के दूसरे सोमवार को महाकाल मंदिर के बाहर 1KM लंबी लाइन लगी, श्रद्धालुओं को संभालना मुश्किल;
सावन के दूसरे सोमवार को भी महाकाल मंदिर में सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। महाकाल के द्वार खुलते ही बाबा का धाम जयकारों से गूंज उठा। मंदिर के गेट से हरसिद्धि मंदिर तक भक्तों की 1 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। श्रद्धालुओं की भीड़ देखकर सभी के लिए एंट्री फ्री कर दी गई, जबकि पहले ऑनलाइन परमिशन वालों के लिए ही अनुमति दी गई थी। सावन के पहले साेमवार को भी यही स्थिति बनी थी।महाकाल मंदिर में दिन में 1 बजे से शाम 7 बजे तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। श्रद्धालु सोमवार 1 बजे तक और शाम 7 से 9 बजे तक ही दर्शन कर पाएंगे। आज 251 रुपए शुल्क दर्शन का काउंटर भी बंद है। शाम को बाबा लाव लश्कर के साथ मंदिर प्रांगण से पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। कोरोना के चलते शाही सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर इस वर्ष भी प्रतिबंध रहेगा।
यह किया शृंगार
विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल को विशेष 1008 बेल पत्रों की माला अर्पित की गई। बाबा का भांग, चंदन, फल, वस्र आदि से अलौकिक शृंगार किया गया।
शाम 4 बजे निकलेगी सवारी
प्रत्येक वर्ष की तरह इस साल भी बाबा महाकाल सलामी के बाद पालकी में सवार होकर शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से लाव लश्कर के साथ निकलेंगे। इस वर्ष भी कोरोना की वजह से सवारी मार्ग प्रतिबंधित किए हुए हैं। सवारी मार्ग मंदिर के ऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव रहेगी।
श्रद्धालु घर बैठे http://www.mahakaleshwar.nic.in वर्चुअल देख सकते हैं। सवारी मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश होती हुई हरसिद्धि की पाल नरसिंह घाट से क्षिप्रा नदी पहुंचेंगी। यहां पूजन के बाद रामानुजकोट आश्रम, हरिसिद्धि द्वार होते हुए शाम 6 बजे तक दोबारा मंदिर लौटेगी। सवारी में पुजारी, पंडे व कहार ही शमिल होंगे, जिन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना होगा।