यह टूटता सितारा है रूस का एक स्पेस मॉड्यूल
मॉस्को । फ्रांस के ऐस्ट्रोनॉट ने एक ऐसा वीडियो बनाया है जिसे बस देखते रहने का मन करता है। उन्होंने अंतरिक्ष से धरती पर जाते एक 'टूटते सितारे' का वीडियो शेयर किया है। यह टूटता सितारा दरअसल, रूस का एक स्पेस मॉड्यूल है। फ्रांस के ऐस्ट्रोनॉट थॉमा पेस्के ने 6 मिनट तक दिखे नजारे का टाइम-लैप्स वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा है, 'बिना हीट शील्ड के वायुमंडल में एंट्री से एक अच्छा आग का गोला बनता है।' वीडियो में इस मॉड्यूल पीआईआरएस के छोटे टुकड़े किनारे से गिरते हुए भी नजर आते हैं। दरअसल, धरती के वायुमंडल में जब कोई चीज बाहर से आती है तो घर्षण के कारण उसमें इतनी ऊर्जा पैदा होती है जिससे वह जल जाती है। आमतौर पर ऐस्टरॉइड से अलग होकर धरती की ओर आए उल्कापिंड के टुकड़े ऐसे ही दिखते हैं। कई बार ये बिना वायुमंडल को छुए गुजर जाते हैं तो कभी आग के गोले मेटयोर की तरह नजर आते हैं और पीछे दिखती है रोशनी की एक धारी। इसे 'टूटता तारा' कहा जाता है लेकिन ये असल में तारे नहीं होते। ज्यादा संख्या में दिखने पर इसे मेटयोर शोवर कहते हैं।रूस का मॉड्यूल पीआईआरएस 20 साल तक सेवा में रहने के बाद रिटायर हो गया। इसकी जगह अब रूस का नाउका साइंस मॉड्यूल गया है।पेस्के ने इसे लेकर भी मजाक किया है कि कभी ऐसा ही कोई 'टूटता तारा' दिखे तो हो सकता है कि वह असल में स्पेस का जलता हुआ कचरा हो। ऐसा हुआ तो उसे देखकर मांगी गई मुराद शायद पूरी ना हो लेकिन फिर भी विश मांगनी तो चाहिए ही क्योंकि हो सकता है कि वाकई उल्कापिंड का टुकड़ा ही हो।