मध्यप्रदेश के थर्मल प्लांट सहित पूरा बिजली उत्पादन 40% तक आ गया है, बाकी 60 फीसदी बिजली सेंट्रल सेक्टर से लेनी पड़ रही है। उसकी भी एक लिमिट है। उससे ज्यादा बिजली ले नहीं सकते, अगर ली तो कंपनियों पर जुर्माना लगेगा और इसकी भरपाई बिजली महंगी करके होगी। यह भार भी कस्टमर पर ही पड़ेगा, यानी एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई वाला मामला है।