भूतों को भी लग रहा वैक्सीन का सेकंड डोज,जानिए

भूतों को भी लग रहा वैक्सीन का सेकंड डोज

भोपाल।वैक्सीनेशन को लेकर शासन-प्रशासन तमाम तरह के जतन कर रहे हैं। शत प्रतिशत वैक्सीनेशन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे लेकिन क्या सच में शत प्रतिशत को टीके लग रहे हैं या आंकड़ों की जादूगरी हो रही है। जिसकी मौत हो चुकी है उसे भी टीका लगा दिया गया है। अब दिल्ली तक शिकायत की जा रही है।ताजा मामला देवास का है जहां ऐसे व्यक्ति को टीका लगा दिया गया जिसकी मौत अप्रैल में ही हो चुकी है। दरअसल शिवशंकर लोखंडे निवासी प्रताप नगर देवास की मृत्यु इसी साल अप्रैल माह में देवास के अमलतास अस्पताल में हुई थी। उनको कोरोना के टीके का दूसरा डोज 18 अक्टूबर को उप्र के बहराइच में लगाया गया। इसका प्रमाण पत्र भी जारी किया गया जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।

प्रधानमंत्री के निज सचिव को लिखा पत्र
मध्यप्रदेश यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमितेश पाण्डेय ने इस मामले में निज सचिव, प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखकर लापरवाही की शिकायत की है। अमितेश पाण्डेय ने बताया कि शिव शंकर लोखंडे की मृत्यु 24 अप्रैल 2021 को देवास जिले के अमलतास अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान हुई थी। उनका मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण 22 मई को तैयार होकर 26 मई को जारी हुआ था। पत्र के माध्यम अमितेश पाण्डेय ने कहा कि यदि इस प्रकार की लापरवाही भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा की जाती है तो कोरोना की इस जंग में कितने ही लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस तरह की लापरवाही से कई लोगों को कोविड का टीका बिना लगे प्रमाण पत्र जारी होने के कारण उनके वैक्सीनेशन होने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, जो आम जनता की सेहत स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। एक तरफ तो प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमने वैक्सीनेशन में 100 करोड़ का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, वहीं दूसरी ओर फर्जी आंकड़े खोखली बातों की पोल खोलते नजर आते हैं। मामले की जांच की मांग की गई है।

मौत के बाद आया सेकंड डोज का मैसेज
मध्यप्रदेश के धार जिले में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जहां मृत व्यक्ति को कोरोना का टीका लगा दिया गया था। एक मामला धार के सरस्वती नगर के सुभाष त्रिवेदी का है तो दूसरा मामला कलसाड़ा के मुकेश का जिनको दूसरे डोज का मैसेज मिला। सुभाष की मौत अप्रैल में हो चुकी थी जबकि 26 अक्टूबर को टीके के दूसरे डोज का मैसेज आया। मुकेश की मौत मई में हुई थी लेकिन उनको भी दूसरे डोज का मैसेज आ गया। अधिकारी इसे तकनीकी त्रुटि बता रहे हैं।

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