दिल में छेद लिए घर में गूंजी पहली किलकारी,जानिए
घर में पहली खुशियां लेकर पैदा हुए बेटे के दिल में सुराख ने परिवार को सकते में ला दिया। साधारण मजदूरी कर कमाने वाला ये परिवार महंगे खर्च का बोझ उठाने में सक्षम नहीं था। परिवार के लोगों ने केयर बाय कलेक्टर के माध्यम से अपनी पीड़ा सुनाई। इसके बाद मासूम के इलाज की राह निकली। उसका मुम्बई में सरकारी खर्च से ऑपरेशन होगा।रेडक्रास की मदद से मासूम को पीडियाट्रिक एम्बुलेंस से मुम्बई भिजवाने की भी व्यवस्था की गई।जबलपुर मदन महल निवासी कमलेश साहू की पत्नि ने 13 नवंबर को निजी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था। पहली औलाद होने की वजह से पूरे घर के लोग खुश थे, लेकिन वह दूध नहीं पी पा रहा था। वहीं लगातार रो रहा था। डॉक्टरों ने चेकअप कराया तो उसके दिल में सुराख मिला। नवजात के दिल में सुराख ने परिवार काे सकते में ला दिया। कमलेश साहू साधारण परिवार से हैं। मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। बेटे के हृदय का ऑपरेशन करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
कलेक्टर केयर बाय पर भेजी व्यथाकमलेश साहू ने केयर बाय कलेक्टर के सोशल नंबर 7587970500 पर अपनी व्यथा लिखकर भेजी। बताया कि उसके बेटे के दिल में छेद है और इसका इलाज मुम्बई में होगा। पर उसके पास महंगे इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीईआईएम सुभाष शुक्ला को तुरंत प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए। सरकारी इलाज के लिए वित्तीय स्वीकृति दिलाते हुए परिवार को मुम्बई भिजवाने की भी व्यवस्था की।
मुम्बई के नारायणा हृदयालय में होगा इलाजपिता कमलेश साहू के मुताबिक स्थानीय चिकित्सकों ने बताया कि इसका इलाज जबलपुर में नहीं हो पाएगा। तब उसने केयर बाय कलेक्टर पर परेशानी और बेटे की फोटो डाली थी। रेडक्रास सचिव आशीष दीक्षित ने सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुरारिया ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 24 घंटे के भीतर प्रकरण स्वीकृत कराया।
मासूम को एसआसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल मुम्बई भेजा गया था। वहीं के नारायणा हृदयालय में उसका ऑपरेशन हाेगा। इसका पूरा खर्च सरकार उठा रही है। यहां तक कि परिवार को पीडियाट्रिक एम्बुलेंस से मुम्बई भेजने के लिए भी रेडक्रास से 45 हजार रुपए का भुगतान किया गया।
कलेक्टर केयर बाय पर भेजी व्यथाकमलेश साहू ने केयर बाय कलेक्टर के सोशल नंबर 7587970500 पर अपनी व्यथा लिखकर भेजी। बताया कि उसके बेटे के दिल में छेद है और इसका इलाज मुम्बई में होगा। पर उसके पास महंगे इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीईआईएम सुभाष शुक्ला को तुरंत प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए। सरकारी इलाज के लिए वित्तीय स्वीकृति दिलाते हुए परिवार को मुम्बई भिजवाने की भी व्यवस्था की।
मुम्बई के नारायणा हृदयालय में होगा इलाजपिता कमलेश साहू के मुताबिक स्थानीय चिकित्सकों ने बताया कि इसका इलाज जबलपुर में नहीं हो पाएगा। तब उसने केयर बाय कलेक्टर पर परेशानी और बेटे की फोटो डाली थी। रेडक्रास सचिव आशीष दीक्षित ने सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुरारिया ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत 24 घंटे के भीतर प्रकरण स्वीकृत कराया।
मासूम को एसआसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल मुम्बई भेजा गया था। वहीं के नारायणा हृदयालय में उसका ऑपरेशन हाेगा। इसका पूरा खर्च सरकार उठा रही है। यहां तक कि परिवार को पीडियाट्रिक एम्बुलेंस से मुम्बई भेजने के लिए भी रेडक्रास से 45 हजार रुपए का भुगतान किया गया।