दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म,थाना प्रभारी ने पीड़िता को छह घंटे तक बैठाकर रखा, नहीं किया मामला दर्ज राजस्थान: भरतपुर

दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म

थाना प्रभारी द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं करने पर पीड़िता और उसके परिजन अगली सुबह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। एसपी के निर्देश के बाद पीड़िता की शिकायत दर्ज हुई। परिजनों ने थाना प्रभारी पर राजनीतिक दबाव के कारण मामला दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया है।

राजस्थान के भरतपुर जिले के उच्चैन थाना क्षेत्र में पढ़ने गई एक दलित युवती का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। युवती को नशीला पदार्थ सुंघाकर उसके साथ दरिंदगी की गई है। हद तो तब हो गई जब पीड़िता और उसके परिजन थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो पुलिस ने केस दर्ज करने से मना कर दिया। पीड़िता का आरोप हैं कि थाना प्रभारी ने रात में करीब 6 घंटे तक थाने में बैठाकर रखा। घटना 29 नवंबर की है। वारदात के वक्त पीड़िता का परिवार बाहर गया हुआ था। जब परिवार घर पहुंचा तो पीड़िता ने आपबीती सुनाई।

आईजी कार्यालय पहुंची पीड़िता ने बताया कि 29 नवंबर को वह अपनी दोस्तों के साथ कॉलेज जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में बाइक सवार दो युवक आए और नशीला पदार्थ सुंघाकर जबरन बाइक पर बैठाकर जंगल की ओर ले गए। दोनों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह मैं घर पहुंची । शाम को जब घर वाले बाजार से आए तो मैंने सारी बातें उन्हें बताई। उसके बाद थाने पर शिकायत दर्ज करवाने गई, लेकिन थाना प्रभारी ने अगली सुबह रिपोर्ट लिखने की बात कहकर करीब छह घंटों तक बैठाए रखा।


थाना प्रभारी के खिलाफ जांच के आदेश

थाना प्रभारी द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं करने पर पीड़िता और उसके परिजन अगली सुबह पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने थाना अधिकारी को मामला दर्ज करने के निर्देश दिए । वहीं पुलिस अधीक्षक ने थाना अधिकारी के खिलाफ सीओ को जांच के आदेश दिए हैं पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाए है कि थाना प्रभारी ने राजनीतिक दबाब के चलते मामला दर्ज नहीं किया । अब पूरे मामले की जांच बयाना सीओ अजय शर्मा द्वारा कि जाएगी ।

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