विटामिन डी की कमी महिलाओं में बढ़ सकता हैं बीमारियों का खतरा ,जानिए
खुशी टाइम्स :पुरुषों के मुकाबले भारतीय महिलाओं में विटामिन डी कम पाया जाता है। जबकि महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन डी यानी सनशाइन विटामिन बेहद जरूरी है। शोध के अनुसार जिन महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है उनमें,हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, मधुमेह तथा हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। आइए जानते हैं महिलाओं में क्यों कम होता है विटामिन डी
महिलाओं में क्यों कम होता है विटामिन डी
1 महिलाओं में होने वाला हॉर्मोनल बदलाव, मेनोपोज़ के बाद और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं में ये दिक्क़त ज़्यादा देखने को मिलती है।
2 भारतीय महिलाएं ज़्यादातर घर के कामकाज या ऑफिस में व्यस्त रहती हैं इस वजह से धूप का सेवन कम करती हैं।
3 विटामिन-डी की कमी की बहुत बड़ी वजह खाने में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल है। रिफाइंड तेल के इस्तेमाल की वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल मॉलिक्युल (कण) कम बनते हैं। शरीर में विटामिन-डी बनाने में कोलेस्ट्रॉल के कणों का काफी योगदान होता है। इसकी वजह से विटामिन-डी को शरीर में प्रोसेस करने में दिक्क़त आने लगती है।
4 भारतीय महिलाएं अकसर या तो साड़ी पहनती हैं या तो सूट, इस वजह से उनका हर अंग कपड़ों से ढका रहता है। भारतीय महिलाओं में विटामिन-डी की कमी का यह भी एक कारण हो सकता है।
कमजोर इम्यूनिटी- विटामिन डी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक है आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना। ताकि, आप बीमारी पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ सकें।अगर आप अक्सर फ्लू, बुखार और कोल्ड से ग्रस्त रहती हैं, तो हो सकता है कि आपका विटामिन डी लेवल कम हो गया हो।
स्ट्रेस और डिप्रेशन- महिलाओं में विटामिन डी की कमी अधिक देखने को मिलती है। विटामिन डी की कमी से महिलाओं को अक्सर चिंता और थकान महसूस होती रहती है। स्ट्रेस और तनाव में रहने से महिलाएं पूरा दिन उदास रहती हैं। जो आगे चलकर उनकी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित करता है।
चोट भरने में लगता है समय- अगर कोई सर्जरी या चोट लगने के बाद गाव बहुत धीमी गति से भरता है तो ये बताता है कि आपके विटामिन डी का स्तर बहुत कम है।
हड्डियों और मांसपेशियों में कमजोरी- विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी की कमी होने से आपकी बोन डेंसिटी भी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों में फ्रैक्चर होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसमें व्यक्ति को हड्डियों और मांसपेशियों में लगातार दर्द महसूस होने लगता है। महिलाओं में कमर दर्द की समस्या अक्सर सुनने को मिलती है, यह विटामिन डी की कमी की वजह से होता है।
2 भारतीय महिलाएं ज़्यादातर घर के कामकाज या ऑफिस में व्यस्त रहती हैं इस वजह से धूप का सेवन कम करती हैं।
3 विटामिन-डी की कमी की बहुत बड़ी वजह खाने में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल है। रिफाइंड तेल के इस्तेमाल की वजह से शरीर में कोलेस्ट्रॉल मॉलिक्युल (कण) कम बनते हैं। शरीर में विटामिन-डी बनाने में कोलेस्ट्रॉल के कणों का काफी योगदान होता है। इसकी वजह से विटामिन-डी को शरीर में प्रोसेस करने में दिक्क़त आने लगती है।
4 भारतीय महिलाएं अकसर या तो साड़ी पहनती हैं या तो सूट, इस वजह से उनका हर अंग कपड़ों से ढका रहता है। भारतीय महिलाओं में विटामिन-डी की कमी का यह भी एक कारण हो सकता है।
विटामिन-डी की कमी के लक्षण-
बिना काम के जल्दी थकान, जोड़ों में दर्द, पैरों में सूजन, लंबे वक्त तक खड़े रहने में दिक्कत, मांस-पेशियों में कमज़ोरी, शरीर पर धब्बे का दिखना, वजन का बढ़ना, डार्क स्किन आदि विटामिन-डी की कमी के ये लक्षण है। अगर आपको भी इस तरह के संकेत देखने को मिल रहे हैं तो तुरंत विटामिन डी का टेस्ट कराएं।विटामिन-डी की कमी से होने वाली समस्याएं-
कमजोर इम्यूनिटी- विटामिन डी की सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक है आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना। ताकि, आप बीमारी पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ सकें।अगर आप अक्सर फ्लू, बुखार और कोल्ड से ग्रस्त रहती हैं, तो हो सकता है कि आपका विटामिन डी लेवल कम हो गया हो।
स्ट्रेस और डिप्रेशन- महिलाओं में विटामिन डी की कमी अधिक देखने को मिलती है। विटामिन डी की कमी से महिलाओं को अक्सर चिंता और थकान महसूस होती रहती है। स्ट्रेस और तनाव में रहने से महिलाएं पूरा दिन उदास रहती हैं। जो आगे चलकर उनकी सेहत को बुरी तरह से प्रभावित करता है।
चोट भरने में लगता है समय- अगर कोई सर्जरी या चोट लगने के बाद गाव बहुत धीमी गति से भरता है तो ये बताता है कि आपके विटामिन डी का स्तर बहुत कम है।
हड्डियों और मांसपेशियों में कमजोरी- विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी की कमी होने से आपकी बोन डेंसिटी भी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों में फ्रैक्चर होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसमें व्यक्ति को हड्डियों और मांसपेशियों में लगातार दर्द महसूस होने लगता है। महिलाओं में कमर दर्द की समस्या अक्सर सुनने को मिलती है, यह विटामिन डी की कमी की वजह से होता है।