बाघ एक हफ्ते में जंगल नहीं लौटा तो बेहोश करना पड़ेगा विशेषज्ञो का कहना , पढ़िए पूरी खबर

बाघ एक हफ्ते में जंगल नहीं लौटा तो बेहोश करना पड़ेगा विशेषज्ञो का कहना

#If the tiger does not return to the forest in a week, then experts say, read the full news

खुशी टाइम्स : भोपाल । मैनिट परिसर में घूम रहा बाघ टी—1234 एक हफ्ते में खुद से जंगल नहीं लौटा तो उसे बेहोश करके पकड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों ने विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। वन्यप्राणी विभाग के अधिकारी व डाक्टरों का एक दल मैनिट परिसर का भ्रमण कर चुका है, जो हर तरह की संभावनाओं पर काम कर रहा है। जल्द ही बाघ को पकड़ने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। परिसर के अंदर तालाब के आसपास 15 दिनों से बाघ दिखाई दे रहा है। वह चार मवेशियों पर हमला कर चुका है, जिसमें से एक की मौत हो चुकी है।

विशेषज्ञ भी पस्त हो गए हैं

इस बाघ के सामने वन्यप्राणी विशेषज्ञ भी पस्त हो गए हैं। इसके पगमार्क मिल रहे हैं, वह शिकार भी कर रहा है। ट्रैप कैमरे में उसकी तस्वीर मिल रहे हैं। यहां तक कि वह पिंजरे के नजदीक तक पहुंच रहा है लेकिन आंखों से दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है। यही वजह है कि विशेषज्ञ उसे पकड़ने या बाहर खदेड़ने की योजना नहीं बन पा रही है। हालांकि यदि वह स्वयं ठिकाना नहीं बदलता है तो उसे पकड़ना ही एकमात्र उपाए है। जिस पर काम चल रहा है। मैनिट परिसर में उसके दाखिल होने के बाद से उसकी सुरक्षा में 50 वनकर्मियों को दो अलग-अलग शिफ्ट में तैनात किया है। तीन दिन पूर्व अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी विभाग शुभरंजन सेन व चिकित्सकों का एक दल मैनिट परिसर में उसके भ्रमण वाले इलाके को देख चुके हैं लेकिन अब तक कोई रणनीति नहीं बन पाई है।

दो से तीन दिन में ठिकाना बदल लेता है

1- विशेषज्ञों के मुताबिक कोई भी बाघ एक ही नए क्षेत्र में 15 दिनों तक भ्रमण नहीं करता। अधिकतम दो से तीन दिन में ठिकाना बदल लेता है, लेकिन यह नहीं बदल रहा है।

2- यह दिन के समय झाड़ियों व घास के बीच दुबके रहता है, यही वजह है कि दिन में खोजने पर नहीं मिल रहा है। ऐसा नए बाघ करते हैं।

3- यह युवा है, जिसकी उम्र करीब दो से ढ़ाई वर्ष बताई जा रही है, इस तरह वह अनुभव में भी कम है।

आसपास घूमता है पिंजरे के अंदर दाखिल नहीं होता है

1- बाघ को पकड़ने दो पिंजरे लगाए हैं। वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वह दोनों के आसपास घूमता है लेकिन बकरे व पड़िया का शिकार करने के लिए उसके अंदर दाखिल नहीं होता है। आमतौर पर बाघ अंदर प्रवेश कर लेते हैं और फंस जाते हैं।

2- मैनिट परिसर के अंदर वह अपना ठिकाना भी नहीं बदल रहा है। सीमित दायरे में ही घूम रहा है।

वन विभाग के सामने यह चुनौती

1- मैनिट के अंदर 600 एकड़ का वन क्षेत्र है। जिसमें बड़ी झाड़िया, घास, पेड़ है। यदि उसे पकड़ने के लिए हाथी लाए भी गए तो पकड़ा आसान नहीं होगा।

2- यदि हांका डाला तो जरूरी नहीं कि वह मैनिट को छोड़कर मूल जंगल में ही जाएगा, शहर के अंदर भी दाखिल हो सकता है।

बाघ की मौजूदगी अभी भी है, उसकी निगरानी कर रहे हैं। पकड़ने की योजना के संबंध में वरिष्ठ स्तर से निर्देश मिलने पर काम करेंगे।

- आलोक पाठक, डीएफओ भोपाल सामान्य वन मंडल

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