चीन की 60 फीसदी आबादी आ सकती है कोरोना संक्रमण की चपेट में, पढ़िए पूरी खबर

चीन की 60 फीसदी आबादी आ सकती है कोरोना संक्रमण की चपेट में, पढ़िए पूरी खबर

#60 percent of China's population may be vulnerable to corona infection, read full news

बर्लिन । चीन इस समय ओमिक्रॉन का सबवेरिएंट बीएफ 7 चीन में कहर बरपा रहा है। एक दिन में हजारों मौतें हो रही हैं लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं। यहां के अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। मरीजों को फर्श पर लिटाकर इलाज करना पड़ रहा है। शवदाह गृहों में अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़ रही है। विशेषज्ञों की राय में चीन में जल्द ही कोरोना की कई लहरें आने वाली हैं। दावा किया जा रहा है कि चीन की करीब 60 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ सकती है। ऐसी स्थिति तब है जब ड्रैगन दावा करता है कि उसने अपने सभी नागरिकों को स्वदेशी वैक्सीन कवर दे दिया है। चीन के कोरोना वैक्सीन की इफेकेसी यानी प्रभावकारिता पर पहले भी सवाल खड़े हो रहे थे अब खुद ड्रैगन को भी अपनी स्वदेशी वैक्सीन पर विश्वास नहीं रहा तभी तो उसने अपने नगारिकों को अब जर्मन मेड वैक्सीन लगाने का फैसला किया है।
 
जर्मन सरकार के एक प्रवक्ता के मुता‎बिक बर्लिन ने बायोएनटेक को‎विड -19 टीकों की अपनी पहली खेप चीन भेज दी है। सबसे पहले यह वैक्सीन चीन में रह रहे जर्मन प्रवासियों को दी जाएगी। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक अब तक 60 साल से ऊपर की 87 फीसदी आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है लेकिन 80 साल से ज्यादा उम्र के सिर्फ 66.4 फीसदी बुजुर्गों को ही वैक्सीन लगी है। चीन ने अपने नागरिकों को स्वदेशी ‎सिनोफार्म और कोरोनावेक वैक्सीन लगाया है लेकिन ये दोनों वैक्सीन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेअसर साबित होती दिख रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक राजधानी बीजिंग की 70 फीसदी आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है। चीन के एपिडेमियोलॉजिस्ट ने आगामी 3 महीने में देश में कोरोना की 3 लहरों के आने की आशंका जताई है। उन्होंने दावा किया है कि चीन अभी कोरोनावायरस संक्रमण की पहली लहर का सामना कर रहा है और इसका पीक मध्य जनवरी में आ सकता है।
 
चीन में 21 जनवरी से लूनर न्यू ईयर शुरू हो रहा है इस दौरान लोग यात्रा करेंगे। बाजारों में काफी भीड़-भाड़ होगी इस कारण दूसरी लहर आ सकती है। जो फरवरी के मध्य तक चलेगी। वहीं तीसरी लहर फरवरी के आखिर से शुरू हो सकती है जो मार्च के मध्य तक चल सकती है। इस कम्युनिस्ट देश में वर्तमान हालात ऐसे हैं कि आईबुप्रोफेन टैबलेट का कोटा फिक्स कर दिया गया है। एक व्यक्ति निश्चित सीमा से ज्यादा आईबुप्रोफेन के टैबलेट नहीं खरीद सकता। यह दवा बुखार सिरदर्द और बदन दर्द में काम आती है। एक ग्राहक को आईबुप्रोफेन के अधिकतम 6 टैबलेट ही दिए जाने का आदेश है।

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