गैस निकालने के लिए 8500 करोड़ की मदद

गैस निकालने के लिए 8500 करोड़ की मदद

#Rs 8500 crore help to extract gas

नई दिल्ली। कोयला खदानों से गैस निकालने की कोल गैसिफिकेशन योजना को केंद्र सरकार ने अब आर्थिक मदद दे कर इसे व्यवहार्य बनाने का फैसला किया है। बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में देश में कोयला खदानों से गैस निकालने की योजना के लिए 8500 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। यह राशि शुरुआत में तीन श्रेणियों में कोल गैसिफेकेशन परियोजनाओं को दी जाएगी। इसमें कुछ हिस्सा सरकारी कंपनियों की परियोजनाओं और कुछ हिस्सा निजी कंपनियों को देने का प्रस्ताव है।

उक्त राशि का एक छोटा हिस्सा छोटी परियोजनाओं के लिए भी आरक्षित रखा गया है। कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कोयला व खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि ये परियोजनाएं कोयला खदानों से होने वाले प्रदूषण को भी कम करेंगी और देश को आत्मनिर्भर भी बनाएंगी।सरकार की तरफ से मंजूर राशि में से 4050 करोड़ रुपये की राशि सरकारी कंपनियों की तरफ शुरू की जाने वाली कोल गैसिफिकेशन परियोजनाओं को दी जाएगी।

जोशी ने बताया कि इसमें दो परियोजनाओं के लिए कोल इंडिया ने पेट्रोलियम सेक्टर की गेल लिमिटेड और बिजली सेक्टर की बीएचइएल के साथ अलग अलग संयुक्त उद्यम बनाये हैं। सीआइएल व गेस का संयुक्त उद्यम पश्चिम बंगाल के एक कोयला खदान में 13,052 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इनके कुल निवेश का एक हिस्सा सरकार बतौर सब्सिडी देगी। दूसरी परियोजना ओडीसा की है जिसके लिए सीआइएल व बीएचइएल ने संयुक्त उद्यम बनाया है।

इस परियोजना में कुल 11,782 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है। दूसरे वर्ग में सरकारी क्षेत्र के साथ ही निजी वर्ग को भी रखा जाएगा। इनको 3,850 करोड़ रुपये की मदद सरकार की तरफ से दी जाएगी। तीसरे वर्ग में 600 करोड़ रुपये की मदद इस छोटी परियोजनाओं को दी जाएगी। जोशी ने बताया कि आर्थिक मदद देने के लिए पारदर्शी व प्रतिस्पद्र्धी नियम तय होंगे।

नीति आयोग इन नियमों को तैयार कर रहा है। कोयला खदानों से गैस निकालने की सोच दो दशक से भी ज्यादा पुरानी है हालांकि अभी तक इसका खास असर नहीं हुआ है। आज की तारीख में रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक ब्लाक से थोड़ी बहुत गैस निकाली जाती है। लेकिन इसकी लागत आयातित गैस से ज्यादा होती है। जुलाई, 2023 में भी केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया था कि वह 6,000 करोड़ रुपये की एक प्रोत्साहन योजना को लांच करने की सोच ही है। कोयला खदानों से प्राकृतिक गैस के अलावा अमोनिया, अमोनिया नाइट्रेट, मिथनेल, डीएमई जैसे गैस निकाले जाते हैं। इनमें से अधिकांश गैसों के लिए भारत विदेशों पर निर्भर है।

#khushitimes, #todeynews, #latestnews, #india, #viralnews,

Post a Comment

Previous Post Next Post