क्राइम पेट्रोल देखकर किए तीन कत्ल, फिल्म दृश्यम की तर्ज पर मां-बाप व भाई की ठिकाने लगाई लाश

क्राइम पेट्रोल देखकर किए तीन कत्ल, फिल्म दृश्यम की तर्ज पर मां-बाप व भाई की ठिकाने लगाई लाश

#Three murders were committed after watching Crime Patrol, bodies of parents and brother were disposed of on the lines of the film Drishyam

महाराष्ट्र के हिंगोली कत्ल का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। ये ट्रिपल मर्डर का वो केस है जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। तारीख 11 जनवरी 2024, दिग्रस वाणी के शिवरा में दोपहिया वाहन दुर्घटना में मां-बेटे की मौत हो गई। मृतकों की पहचान कुंडलिक जाधव, कलावती जाधव और बेटे आकाश जाधव के रूप में हुई। पुलिस तीन लोगों की मौत को हादसा मान रही थी कि अचानक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा कर दिया। रिपोर्ट में पचा चला कि शवों पर चोट के गंभीर निशान थे। अब पुलिस की समझ में आ गया कि ये कोई हादसा नहीं बल्कि कत्ल को हादसे की शक्ल दी गई है।

कत्ल को हादसे की शक्ल

पुलिस ने जांच शुरु की तो सबसे पहले शक की सुई महेन्द्र जाधव पर ही गई क्योंकि उसी ने रिश्तेदारों को पहला कॉल कर बताया था कि परिजन गायब हैं। पुलिस ने महेन्द्र जाधव से पूछताछ शुरु की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस को महेन्द्र जाधव पर शक था लिहाजा पुलिस टीम ने महेन्द्र जाधव के घर की तलाशी ली। यहां पुलिस को यूं तो पूरा घर साफ मिला लेकिन एक जगह दीवार पर पुलिस टीम को खून का धब्बा नजर आया। पुलिस का शक पुख्ता हो चुका था। अब पुलिस ने महेन्द्र जाधव को हिरासत में ले लिया। महेन्द्र जाधव से कड़ी पूछताछ हुई तो तिहरे हत्याकांड की एक एक परतें खुलती चलीं गईं।
 

दीवार पर पुलिस टीम को खून का धब्बा दिखा

जैसे जैसे महेन्द्र जाधव कत्ल की कहानी सुनाता जा रहा था पुलिस अफसरों की पेशानी पर बल पड़ते जा रहे थे। महेन्द्र जाधव ने पुलिस को बताया कि उसने ही अपने मां बाप और भाई का कत्ल किया है। महेन्द्र जाधव ने खुलासा किया कि घरेलू विवाद के चलते उसने अपने ही माँ बाप और छोटे भाई को नींद की गोलियां दीं उसके बाद बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। तीन कत्ल करने के बाद महेन्द्र जाधव ने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर उन तीनों की लाशों को धीरे धीरे कर मोटर साईकिल पर लादा और सडक के किनारे गड्डे में डाल आया। किसी को शक ना हो इसलिए खुद की मोटरसाइकिल की हेडलाइट और कुछ पार्ट तोड़कर बाइक लाशों के पास छोड़ दी ताकि देखने वाले को ये एक एक्सीडेंट लगे।
 

कातिल ने पांच बार देखी दृश्यम फ़िल्म

महेन्द्र जाधव लगभग अपने प्लान में कामयाब भी हो गया था। मगर कहते हैं ना कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो एक चूक जरूर करता है। महेंद्र जाधव ने भी एक गलती कर दी। जहाँ पर वारदात को अंजाम दिया था उसी घर में दीवार पर लगे खून निशान मिटाना भूल गया और वही निशान उसके गिरफ्तारी का सबसे बड़ा सबूत बन गया। महेन्द्र जाधव ने पुलिस को बताया कि हत्या करने से पहले उसने पांच बार दृश्यम फ़िल्म और कई बार क्राइम पेट्रोल सीरियल के एपिसोड देखे थे। अपराधी महेन्द्र जाधव पिछले कई दिनों से इन हत्या की प्लानिंग में लगा था। 9 जनवरी कि रात को उसने अपने छोटे भाई को पहले नींद की गोलिया खिलाईं।
 

इलेक्ट्रिक शॉक लगाकर मारने की कोशिश

बेहोशी की हालत मे भाई को इलेक्ट्रिक शॉक लगाकर मारने की कोशिश की मगर होल्टेज कम होने के कारण वो नहीं मरा। जिसके बाद महेंद्र ने आकाश जाधव के सिर में रॉड से कई वार किए और कत्ल कर दिया। आरोपी भाई की लाश को रात के अंधेरे में मोटरसाइकिल पर रखकर सड़क किनारे एक गड्ढे में छुपाकर घर लौटा। दूसरे दिन सुबह आरोपी माँ कलावती बाई को खेत में काम के बहाने ले गया और मां की हत्या कर दी। रात होते ही आरोपी मां की लाश को भी उसी गड्ढे में फेंक आया जहां भाई की लाश ठिकाने लगाई थी। अब उसे अपने बाप को ठिकाने लगाना था। उसी रात वो घर पहुंचा और अपने बाप कुंडलिक जाधव को पहले नींद कि गोलियां खिलाईं और उनकी भी रॉड सें हत्या कर दी।
 

मोटर साईकिल पर रखी भाई की लाश

कत्ल के बाद लाश को मोटरसाइकिल पर डालकर रात के अंधेरे में वहीं लेकर गया जहाँ सड़क के किनारे अपने माँ और भाई कि लाश छुपाई थी। उसके बाद अपराधी महेन्द्र नें बढे ही चतुराई सें अपने छोटे भाई, माँ और बाप कि लाश को सडक के किनारे ऐसा रखा कि वो एक्सीडेंट लगे। घटना के थोड़ी देर बाद महेंद्र नें अपने रिश्तेदारों को फोन लगाकर कहा कि भाई आकाश, बाबा और माँ को अस्पताल लेकर गया और अब तक वापस नहीं लौटा है। उसके बाद उसी ने ही रिश्तेदारों को खबर दी कि मां बाप भाई का एक्सीडेंट हो गया है। उनकी मौत हो चुकी है।

मां-बाप और भाई की हत्या

आरोपी महेन्द्र ने पुलिस को बताया कि उसे घर वाले पैसे नहीं देते थे। पैसे मांगने पर उसे ताने मारते थे। रिश्तेदारों के सामने उसे नीचा दिखाने कि कोशिश करते थे जिसको लेकर अपने माँ बाप, और छोटे भाई आकाश को लेकर उसके मन में उनके खिलाफ गुस्सा था। यही वजह थी कि उसने तीनों के कत्ल की साजिश रची। आरोपी ने पुलिस को बताया कि तीनों का खून करने की पूरी प्लानिंग उसने दृश्यम और क्राइम पेट्रोल देखकर बनाई थी। पुलिस ने महेन्द्र सें पूछा कि वो अकेले ही उन तीनों की लाशों को सड़क के किनारे कैसे लेकर गया? महेन्द्र ने पुलिस को बाकायदा डेमो करके दिखाया तो पुलिस भी दंग रह गई।

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