![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhADRl4_5zR5p-DT6ujKZlY2wldrbiyeqJ_B95jim0vm2rfpGe-_7j9AAlezIYVCS2GRehtNDy-QseaZlH8NaOCqO-CtdmzN3FCYvPIp2oUqGsGuXCVF7KaxqFbvNYPKD1MuObsxPfOxzxEdhk4CtN-CgJ_CaBgOnMBN53dqGSBtQbFRAWVknVLxIe7V5dU/w640-h362-rw/Screenshot_5.jpg)
विवादित चॉकलेट सैंपल पर तेलंगाना की राजकीय प्रयोगशाला ने बताया कि नमूने में नमी 4.86 फीसदी, वसा 31.71 फीसदी व एसिड इनसॉल्यूबल एश 0.089 फीसदी मिला। नियमानुसार, चॉकलेट में वसा की मात्रा 25 फीसदी से कम, एसिड इनसॉल्यूबल एश 0.2 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। कृमि जैसे बाहरी तत्व नहीं होने चाहिए। हालांकि, नमूना इन पैमानों पर खरा नहीं उतरा है। नाराज उपभोक्ता रॉबिन ने अपनी खरीदारी का सबूत दिखाते हुए चॉकलेट के साथ बिल भी एक्स हैंडल पर शेयर किया। इस मामले के सामने आने के बाद कई यूजर्स ने अपने अलग-अलग अनुभव बताए हैं।
तेलंगाना में खराब गुणवत्ता की चॉकलेट का मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद कॅडबरी चॉकलेट निर्माता मॉन्डेलेज इंडिया ने सफाई दी कि कंपनी गुणवत्ता में अंतरराष्ट्रीय मानक का पालन करती है। खाद्य सुरक्षा की यह सबसे समग्र सुरक्षा प्रणाली है, जो सुनिश्चित करती है कि उत्पाद किसी भी तरह के भौतिक, रासायनिक और माइक्रोबायोलॉजिकल संक्रमण से बचे रहें। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि विवादित बैच के अन्य नमूनों की जांच में पाया कि बनाने के दौरान इसमें कोई कमी नहीं थी।
Tags
India