निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी


Highlights


  • भोपाल में 16 तो जबलपुर में 20 स्कूलों को नोटिस
  • इंदौर में निगरानी और फीडबेक के लिए प्लाइंग स्क्वाड
  • मोहन यादव सरकार ने दिए हैं सख्त कदम उठाने के निर्देश

भोपाल। मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी के किस्से रोजाना ही सुनने को मिल जाते हैं। ऐसे ही मनमाने स्कूलों पर अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने लगाम लगाने की दिशा में अहम फैसले लिए हैं। अब स्कूल मनपसंद दुकानों से खरीदी करने के लिए छात्र या अभिभावक से नहीं कह सकेंगे और यदि ऐसा करते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
 
दरअसल सीएम मोहन यादव ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए सख्त कदम उठाते नजर आए हैं। उन्होंने सख्त आदेश जारी कर कहा कि अब प्राइवेट स्कूल किसी भी निर्धारित दुकान से ही किताबें, यूनिफॉर्म या बाकी टीचिंग मटेरियल खरीदने के लिए पैरेंट्स पर दबाव नहीं बना सकेंगे। इसके बावजूद भी यदि ऐसा कोई करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम यादव के आदेश के बाद ही शिक्षा विभाग सक्रिय नजर आया है और आदेश की अनदेखी करने के आरोप में स्कूलों पर सख्त कार्रवाई भी की है।

भोपाल में 16 स्कूल और 3 बुक स्टोर पर कार्रवाई

सीएम यादव के आदेश के अनुपालन में भोपाल प्रशासन ने ऐसे तमाम निजी स्कूलों पर कार्रवाई की है जो छात्रों और पैरेंट्स पर निर्धारित दुकानों से किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने का दबाव बना रहे थे। राजधानी भोपाल में ही ऐसे 16 स्कूलों के साथ 3 बुक स्टोर पर सख्त कार्रवाई की गई है। वहीं प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में 20 स्कूलों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। इस संबंध में अधिकारी बताते हैं कि इन निजी स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। इसके बाद यदि स्कूल प्रबंधन का जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो आगे और सख्त कदम उठाए जा सकेंगे।

यहां जांच के बाद कार्रवाई का लिया फैसला

शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने का फैसला भोपाल के एमपी नगर स्थित दो दुकानों की जांच के बाद लिया है। इन दुकानों पर एसडीएम एलके खरे टीम के साथ पहुंचे थे और जांच की थी। तब वहां सामान खरीद रहे परिजनों ने टीम को बतलाया कि एक दुकान में 11 स्कूलों से संबंधित सामग्री है, जबकि दूसरी दुकान में 5 स्कूलों का सामान ही मिलता है। अधिकांश पैरेंट्स का आरोप था कि उन्हें स्कूल ने इन दुकानों से ही सामान खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है।

कलेक्टर ने लिया संज्ञान

भोपाल जिला कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन को तलाशी लेने वाले 16 स्कूलों और तीन बुक स्टोर्स को नोटिस जारी कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर निर्देश दिए हैं और कहा है कि यदि उचित जवाब नहीं मिलता है तो उन पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। जबकि दोष सिद्ध होने की स्थिति में 2-2 लाख रुपये का आर्थिक दंड और जेल की सजा भी हो सकती है।

जबलपुर में 20 स्कूलों पर लिया एक्शन

संस्कारधानी जबलपुर में भी भोपाल की ही तरह स्कूलों पर कार्रवाई की गई है। जिला कलेक्टर ने शिकायत मिलने के बाद 20 निजी स्कूलों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। खास बात यह है कि इससे पहले 35 स्कूलों के खिलाफ नोटिस जारी किए जा चुके थे। इस प्रकार कुल 55 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन तमाम स्कूलों पर परिजनों को जबरदस्ती खास दुकान से स्टडी मटेरियल खरीदने का दबाव बनाने का आरोप है।

इंदौर में बनाया स्क्वॉयज

मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर में भी निजी स्कूलों में किताबों और यूनिफॉर्म की दुकानों की जांच करने के लिए स्टेट एजुकेशन बोर्ड ने एक स्क्वॉयज गठित किया है। यह टीम निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पैरेंट्स से खुफिया तरीके से संपर्क कर स्कूलों के बारे में जानकारी जुटाएगी। इस टीम में शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही टीचिंग स्टॉफ को सीक्रेट तरीके से कार्य करने को कहा गया है।कहा जा रहा है मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की मंशानुरुप निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लग सकेगी।

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