50 साल बाद डेनमार्क में गर्भपात प्रतिबंधों में मिलेगी ढील, 18वें सप्ताह तक होगी गर्भपात की अनुमति


डेनमार्क सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह गर्भपात पर अपने प्रतिबंधों में 50 साल में पहली बार ढील दे रही है, जिसके तहत महिलाओं को गर्भधारण के 18वें सप्ताह तक गर्भपात कराने की अनुमति होगी जबकि पहले इसके लिए स्वीकृत अवधि 12 सप्ताह थी। अधिकारियों ने कहा कि 15 से 17 साल की किशोरियों को माता-पिता की सहमति के बिना गर्भपात कराने की अनुमति देने के लिए भी कानून में बदलाव किया जाएगा।

देश की लैंगिक समानता मंत्री मैरी बजेरे ने कहा कि डेनमार्क महिलाओं के अधिकारों को मजबूत कर रहा है जबकि दुनिया के अन्य हिस्सों में उन्हें पीछे धकेला जा रहा है। यह महिला की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात है, यह अपने शरीर और अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने के अधिकार की बात है। यह महिला समानता के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।''

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि डेनमार्क में 1973 में नि:शुल्क गर्भपात की शुरुआत की गई थी। गर्भपात कराने की सीमा 12 सप्ताह तक निर्धारित की गई थी क्योंकि उस समय सभी गर्भपात शल्य चिकित्सा द्वारा किए जाते थे और उस समय 12वें सप्ताह के बाद गर्भपात के दौरान जटिलताओं का अधिक खतरा होता था।''

स्वास्थ्य मंत्री सोफी लोहडे ने कहा- 50 साल के बाद अब समय आ गया है कि गर्भपात संबंधी नियमों को बदला जाए। गर्भपात संबंधी इस कानून के एक जून 2025 से लागू होने की संभावना है। डेनमार्क में 15 साल तक की आयु की लड़कियों के लिए गर्भपात से पहले माता-पिता की सहमति लेना अनिवार्य है और 15 वर्ष से अधिक आयु की किशोरी को अपने शरीर के बारे में खुद फैसला करने का अधिकार है।

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