निर्वस्त्र महिलाओं के वीडियो मामले में सीबीआई का चौंकाने वाला खुलासा....


मणिपुर में दो महिलाओं की नग्न परेड के मामले में सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई ने चार्जशीट में कहा कि कुकी-जोमी समुदाय की दोनों महिलाएं तो अपनी जान बचाने के लिए मणिपुर पुलिस की शरण में आई थीं लेकिन पुलिस दोनों महिलाओं को मैती समुदाय के दंगाइयों की भीड़ के पास ले गई। यहां पहले तो भीड़ ने उन्हें नग्न किया फिर पूरे गांव में उनकी परेड कराई, जिसका वीडियो भी घटना के दो माह बाद सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।

कारगिल युद्ध में वीरगति प्राप्त सुबेदार की पत्नी भी प्रताड़ना का शिकार

चार्जशीट में सीबीआई ने बताया कि दोनों महिलाओं ने पुलिस से उनकी आधिकारिक जिप्सी के पास मदद मांगी थी। उन्होंने अनुरोध किया था कि वे उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर लेकर जाएं लेकिन पुलिस ने कहा कि उनके पास गाड़ी की चाबी नहीं है। सीबीआई ने हुइरेम हेरोदास मैतेई के साथ-साथ अन्य पांच लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। सीबीआई ने मामले में एक किशोर के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की है। हुइरेम को पुलिस ने जुलाई में ही गिरफ्तार कर लिया था। खास बात यह है कि उन दोनों महिलाओं में से एक महिला का पति ने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवा दी थी लेकिन कारिगल के युद्ध में वे वीरगति को प्राप्त हो गए।

जानें, पूरा घटनाक्रम

यह घटना मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम की है। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, चार मई को शाम लगभग तीन बजे 900-1000 की संख्या में कई संगठनों से जुड़े लोग बी. फीनोम गांव में जबरदस्ती घुस आए। इनके पास एके-47 राइफल्स, एसएल.आर इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। हिंसक भीड़ ने सभी घरों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े, अनाज सहित नकदी को लूटने के बाद सभी चल संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।

56 साल के व्यक्ति की घटनास्थल पर ही हत्या

इसके अलावा पांच ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग गए। बाद में उन्हें नॉनपाक सेकमाई पुलिस टीम द्वारा बचाया गया और वे नोंगनोक सेकमाई थाने के रास्ते में थे। इस बीच उन्हें रास्ते में भीड़ ने रोक दिया और नोंगपोक सेकमाई थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर और 33 एआर सोमरेई चौकी से लगभग तीन किलोमीटर दूर भीड़ ने उन्हें पुलिस टीम की सुरक्षा से छीन लिया। इसके अलावा एक 56 साल के व्यक्ति की घटनास्थल पर ही हत्या कर दी गई।

बहन को बचा रहे भाई की भी हत्या

प्रधान ने बताया कि इसी दौरान भीड़ द्वारा तीन महिलाओं को उनके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया और भीड़ के सामने निर्वस्त्र कर दिया गया। घटना से जुड़े वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं, जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं। हैवानियत यहीं सीमित नहीं रही, एक 21 साल की लड़की का दिन दहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जब 19 वर्षीय छोटे भाई ने अपनी बहन की अस्मिता और जान बचाने की कोशिश की, तो भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी मौके पर ही हत्या कर दी। हालांकि, पीड़िता कुछ लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं।

प्रधानमंत्री ने की घटना की निंदा

इसका वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पूरे देश में सनसनी मच गई। प्रधानमंत्री ने संसद सत्र शुरू होने से पहले मीडिया के सामने इस घटना की निंदा की। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र और राज्य सरकार को कड़ी चेतावनी दी। कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो कोर्ट खुद कदम उठाएगा। विपक्ष संसद के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बयान देने के लिए मांग कर रहे हैं।

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