जबलपुर : रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बुधवार को कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा और कर्मचारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सुबह लगभग 11:30 बजे बड़ी संख्या में कर्मचारी नारेबाजी करते हुए कुलगुरु कार्यालय में घुस गए। सुरक्षा कर्मियों के रोकने के बावजूद कर्मचारी नहीं माने और कार्यालय में प्रवेश कर गए।
कर्मचारियों का आरोप था कि कुलगुरु फाइलों पर समय पर हस्ताक्षर नहीं करते, जिससे प्रशासनिक कार्यों में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इसी लेटलतीफी के कारण एक कर्मचारी की मृत्यु तक हो चुकी है। कर्मचारियों में पुरुषों के साथ महिला कर्मी भी शामिल थीं, जिन्होंने कुलगुरु की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
इन आरोपों के जवाब में कुलगुरु प्रो. वर्मा ने स्पष्ट किया कि वे दबाव में आकर काम नहीं करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। उनके इस वक्तव्य से माहौल और गर्म हो गया, लेकिन अन्य अधिकारियों ने स्थिति को संभालते हुए कर्मचारियों को शांत कराया और कार्यालय से बाहर ले गए।
दूसरी ओर, शैक्षणेत्तर कर्मचारी संघ ने इस प्रदर्शन से स्वयं को अलग किया है। संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह पटैल और महासचिव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी अपने निजी हितों को साधने के लिए दबाव बना रहे थे। संघ ने यह भी दावा किया कि कुछ कर्मचारी अपने परिजनों की नियुक्ति और सेवा बहाली के लिए कुलगुरु पर दबाव डाल रहे हैं।
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