जबलपुर में ई-रिक्शा चलाने वालो हो जाओ सावधान, इन नियमों का पालन करना है बेहद ज़रूरी


खुशी टाइम्स,जबलपुर :  यदि आप  ई- रिक्शा चालक है तो आपका यह नियम जानना बेहद ज़रूरी है वरना आपको हो सकता है बहुत नुक्सान तो क्या है वो खास नियम आइये जानते है 

कुछ खास नियम :

  • ई-रिक्शा चलाने वाले का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए. तीन या चार पहिए वाले वाहनों के ड्राइविंग लाइसेंस पर ई-रिक्शा चलाते पकड़े जाने पर जुर्माना हो सकता है.
  • ई-रिक्शा की रफ़्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटे से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए.
  • ई-रिक्शा चालकों को हर दो साल में फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट लेना होता है.

हां, ई-रिक्शा के लिए भी फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट लेना ज़रूरी है. ई-रिक्शा चालकों को हर दो साल में इसका फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट बनवाना होता है. ई-रिक्शा के बिना फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट होने पर इसे जब्त किया जा सकता है.
 

फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट से जुड़ी कुछ और बातें:

  • फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट या एफ़सी एक दस्तावेज़ है जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन सड़क पर चलने के लिए फ़िट है.
  • नए वाहन को एक फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट जारी किया जाता है जो एक निश्चित संख्या में सालों के लिए वैध रहता है.
  • फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट की वैलिडिटी खत्म होने से पहले ही इसे दोबारा बनवाना होता है.
  • फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट बनवाने के लिए, स्थानीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में जाकर वाहन के मालिक के तौर पर पहचान पत्र और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जमा कराना होता है.
  • वाहन को आरटीओ के निरीक्षक के सामने लाना होता है.
  • निरीक्षक वाहन की जांच करके यह सुनिश्चित करता है कि यह सड़क पर चलने के लिए सुरक्षित है.
  • अगर वाहन निरीक्षण में पास हो जाता है, तो आरटीओ वाहन फ़िटनेस सर्टिफ़िकेट जारी करता है
  • ई-रिक्शा चलाने के लिए, किसी मान्यता प्राप्त मोटर ड्राइविंग ट्रैनिंग स्कूल से कम से कम एक महीने का प्रशिक्षण लेना ज़रूरी नहीं है. इसकी जगह, किसी पंजीकृत ई-रिक्शा एसोसिएशन या ई-रिक्शा निर्माता से 10 दिन का प्रशिक्षण लिया जा सकता है.
  • ई-रिक्शा चलाने का लाइसेंस, ई-रिक्शा चलाने के लिए तय किए गए मार्गों पर ही वैध होता है. इसकी वैधता तीन साल होती है.
  • ई-रिक्शा पर वार्षिक कर तिपहिया टैक्सी की तरह देना होता है.

कलेक्टर सभाकक्ष में बैठक

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने निर्देश दिए कि ई रिक्शा चालक हो या भी आटो रिक्शा चालक, सभी को पुलिस वैरीफिकेशन अनिवार्य है। इसके बिना किसी को आटो चलाने की अनुमति नहीं होगी। इतना ही नहीं तेजी से बढ़ते ई रिक्शा पर निगरानी रखने के लिए एप तैयार होगा, जिसमें ग्राहक आसानी से न सिर्फ रिक्शा बुक कर सकेंगे, बल्कि उसका किराया, लोकेशन और ड्राइवर की जानकारी इसमें समाहित होगी। कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में ई-रिक्शा और ऑटो के संचालन के नियमन को लेकर कलेक्टर सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह, एडीशन एसपी ट्राफिक, आरटीओ और ई-रिक्शा और ऑटो संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे

नो पार्किंग में खड़े वाहन होंगे जब्त

जिन इलाकों में चार पहिया या दोपहिया वाहनों के सड़क पर खड़े होने से जाम लगता है, वहां से वाहनों को हटाया जाएगा। पुलिस टीम वहां के संस्थान और प्रतिष्ठान संचालकों और कर्मचारियों से बातचीत करेगी। इसके बाद भी वाहन पार्क मिले तो उन्हें जब्त किया जाएगा।

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जाते हैं। अलग-अलग टीमें समीक्षा कर रही हैं। रिपोर्ट आने पर अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

संतोष कुमार शुक्ला, डीएसपी, ट्रैफिक

@rehman 

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