पांढुर्णा, महाराष्ट्र। मातृ सेवा इंडिया निधि लिमिटेड चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर गणेश पचौरी, उनके माता-पिता और भाई के शव नागपुर के मोवाड गांव स्थित उनके घर में फंदे पर लटके मिले। माता-पिता और भाई के हाथ बंधे हुए थे, जबकि गणेश पचौरी के हाथ खुले थे। गणेश पर 17 लाख रुपए की ठगी का आरोप था, और वह हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ था।
नागपुर पुलिस को मौके पर गणेश की जेब से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर थे। नोट में लिखा था कि गणेश पांढुर्णा में दर्ज ठगी के केस से तनाव में था। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए नागपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
गणेश पचौरी और उनकी कंपनी पर 17 लाख रुपए के गबन का आरोप था। यह कंपनी एफडी और आरडी के नाम पर लोगों से लाखों रुपए जमा कराती थी। फरवरी 2024 में गणेश समेत कंपनी के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था।
गणेश पचौरी एमबीए डिग्रीधारी थे और पुणे में नौकरी कर चुके थे। कुछ समय बाद उन्होंने पांढुर्णा में अपनी चिटफंड कंपनी खोली थी। पुलिस जांच में यह भी पता चला कि गणेश ने अपनी पत्नी से भी पैसों को लेकर धोखाधड़ी की थी, जिसके बाद वह उन्हें छोड़कर चली गई थी।
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