नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक जुर्माने की चर्चा हो रही है. इस जुर्माने की रकम इतनी ज्यादा है कि यह किसी आम आदमी की हैसियत और कल्पना से कहीं परे है. कोई भी अगर इस रकम का अंदाजा लगाए, तो उसे गश आ सकता है. दरअसल, ये जुर्माना रूस ने गूगल पर लगाया है. CNN न्यूज के मुताबिक, यह रकम 2.5 अनडेसिलियन डॉलर है. इतनी बड़ी रकम है कि इसे लिखने के लिए 1 के आगे 36 जीरो लगाने पड़ेंगे, जो कुछ इस तरह दिखेगा—250000000000000000000000000000000000 डॉलर
अब अगर इसे भारतीय रुपये में बदलने की सोचें, तो जीरो की संख्या और भी बढ़ जाएगी. सरल शब्दों में समझें तो यह इतनी भारी रकम है कि धरती पर इतनी दौलत मौजूद ही नहीं है. दावा तो यह भी है कि पूरी दुनिया की GDP भी इस आंकड़े के करीब नहीं पहुंच सकती. अब सवाल ये उठता है कि रूस की अदालत ने गूगल पर इतना बड़ा जुर्माना किस मामले में लगाया है, जिसका चुकाना नामुमकिन है. मास्को टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष के दौरान का है. दरअसल, गूगल ने क्रेमलिन समर्थक और सरकारी मीडिया आउटलेट्स के अकाउंट्स पर बैन लगा दिया था, और बार-बार कहने के बावजूद इन अकाउंट्स को बहाल करने से इनकार किया. इसी वजह से रूस ने गूगल पर 2 अनडेसिलियन रूबल का जुर्माना लगा दिया है.
गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का 2023 का रेवेन्यू 307 बिलियन डॉलर था. इसे समझने के लिए यूं कहें कि 1 बिलियन डॉलर में लगभग 8400 करोड़ रुपये होते हैं. अब अगर इस हिसाब से देखें, तो अल्फाबेट का रेवेन्यू 307 बिलियन डॉलर यानी करीब 25,78,800 करोड़ रुपये बैठता है. लेकिन इतने बड़े रेवेन्यू के बावजूद भी अल्फाबेट के लिए रूस द्वारा लगाए गए 2.5 अनडेसिलियन डॉलर का जुर्माना भर पाना नामुमकिन है. अल्फाबेट और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों के कुल रेवेन्यू को जोड़ भी दें, तो भी ये रकम कहीं नहीं ठहरती.
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