
"एक बूढ़ी माँ... बिस्तर पर लेटी थी...
उम्र का सफर तय करते-करते अब आराम चाहती थी...
लेकिन उसे क्या पता था,
जिस बेटे को उसने पाल-पोसकर बड़ा किया...
वही बेटा एक दिन उसकी सांसें छीन लेगा...
आज की कहानी में एक ऐसा वाकिया जो सिर्फ रायपुर को नहीं बल्कि पूरी इंसानियत को हिला कर रख दिया
ये कोई कहानी नहीं , ये एक हकीकत है , एक खुनी सच
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की ये घटना है जहाँ पर प्रदीप उसकी माँ और उसकी पत्नी और उसके दो बेटे और एक बेटी रहती है प्रदीप पेशे से इ- रिक्शा चालक है और उसी से वो अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था रोज़-वो अपने काम पर जाता था हफ्ते में एक बार वो छुट्टी भी करता लेकिन उसे एक चाह थी जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता खरीदना चाहता था प्रदीप एक दिन प्रदीप को पता चलता है की एक जगह जर्मन शेपर्ड नस्ल का कुत्ता 800 रुपए में मिल रहा है प्रदीप को वो जर्मन शेपर्ड नस्ल का कुत्ता किसी भी हाल में चाहिए ही था और उसके जेब में महज़ 600 रुपए ही थे प्रदीप ने सोचा अब क्या करू कहा से लाऊ 200 रुपए तो उसने अपनी माँ से मांगे तो माँ ने सोचा अगर मेने उसे पैसे दिए तो वो कुत्ता तो ले आएगा लेकिन उसका ख्याल ये नहीं रख पायेगा माँ ने कुछ सोच समझ कर उसको मना कर दिया और पैसे देने से इंकार कर दिया तो प्रदीप के सर पर खून सवार हो गया और फिर उसने जो किया....... पूरी कहानी सुनने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करे
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